पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान द्वारा इतिहास, पुरातत्व, भाषा विज्ञान, आनुवंशिकी और मानव प्रवास आदि के बारे में मिल रही नयी जानकारियों का वेदों-पुराणों और अन्य प्राचीन साहित्य में उपलब्ध जानकारियों से मिलान करके पुरानी दुनिया के इतिहास, धर्म-अध्यात्म, साहित्य, सृजन और समाज की विवेचना की जा रही है।
जिससे धर्म, अध्यात्म, इतिहास, पुरातत्व, भाषा विज्ञान आदि के क्षेत्र में कई बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां उभरेंगी। तथा ईसाइयत और इस्लाम ने कालक्रम में दुनिया की जिन कई सभ्यताओं और संस्कृतियों को मिटाया या परदे के पीछे ठेला है, उन्हें फिर से अपनी पहचान मिलेगी।
यह दुनिया को हम सबका एक अप्रतिम उपहार होगा। इससे भारत की समन्वयवादी संस्कृति और विश्व गुरु होने की पहचान को भी मजबूती मिलेगी।
फिल्म ज़फराबाद जौनपुर आख्यान में भी इस काम की एक झलक देखने को मिलेगी। फिल्म की शुरुआत ही हागिया सोफिया को याद करने से हो रही है। जिसे कभी ईसाइयत ने अपना कहा और इस्लाम ने अपना।
लेकिन जो मूल रूप से हमारी भगवती आदि पराशक्ति का मूल स्थान है। ऋग्वेद का ऋषिका वाक् आम्भरिणी का लिखा देवी सूक्त इन्हीं भगवती आदि पराशक्ति का जयगान है।
वाक् आम्भरिणी नाम में ही स्थान का बोध निहित है। हागिया सोफिया एक संस्कृति पर दूसरी संस्कृति लाद देने का प्रतीक है।
यही काम तो ज़फराबाद और जौनपुर में भी हुआ। इसलिए, ज़फराबाद और जौनपुर को सांस्कृतिक हमले का प्रतीक मानते हुए यह फिल्म दुनिया की उन तमाम ताकतों, अभियानों और विचारधाराओं को समर्पित है, जो अपनी मूल संस्कृतियों और सभ्यताओं को पाने के लिए न्यायोचित संघर्ष कर रही हैं।
इस रूप में हम तिब्बत और सिंकियांग के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं और; अरब वसंत क्रांति समेत मध्य पूर्व के कई आंदोलनों को भी अपनी मूल संस्कृति और सभ्यता को पाने के संघर्ष के रूप में देख रहे हैं।
वेद -पुराण रहस्य / सनातन धर्म कोश का यह काम तकरीबन तीन साल में पूरा हो जाने की उम्मीद है।
इस काम में वेदों और पुराणों के अलावा ईरान, इराक, ग्रीस, मिश्र, अरब और चीन समेत दुनिया के अनेक देशों के पुराने इतिहास और धार्मिक साहित्य और पौराणिक कथाओं की मदद ली जा रही है।
इस काम से जाना जा सकेगा कि किन धार्मिक रीति -रिवाजों, परंपराओं, मान्यताओं और पद्धतियों को कहां सृजित किया गया, कैसे और किस रूप में उनका विकास हुआ, और आज उनकी क्या स्थिति है।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश समेत तकरीबन सभी देवी-देवता, और अवैदिक पद्धतियां और मान्यताएं भी गवेषणा के केंद्र में हैं।
रामायण और महाभारत से जुड़े स्थलों की भी व्याख्या और पहचान की जा रही है।
ऋषियों और मनीषियों की भी ऐतिहासिक पहचान स्थापित की जा रही है।
हमें विश्वास है कि फिल्म ज़फराबाद जौनपुर आख्यान इतिहास की गवेषणा का एक बहुत महत्वपूर्ण प्रारंभिक पड़ाव होगा।