ज़फराबाद जौनपुर आख्यान ड्रामा डाक्यूमेंट्री फिल्म
ज़फराबाद जौनपुर आख्यान का उद्देश्य ज़फराबाद और जौनपुर के इस्लाम-पूर्व इतिहास को खोज कर उन्हें उनकी पुरानी पहचान वापस दिलाना; और उस समय के जो भी अवशेष, स्मृतियां या दूसरे कोई भी चिन्ह, प्रतीक आदि बचे हैं, उनको सुरक्षित और संरक्षित करने का वातावरण बनाना है, ताकि आगे उनका कोई क्षरण न हो।
इन प्रयासों को एक ड्रामा-डॉक्यूमेंटरी फिल्म के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। जिसे ज़फराबाद जौनपुर आख्यान नाम दिया गया है। इसके तहत ज़फराबाद कथा और जौनपुर संवाद नाम के तकरीबन सवा दो-दो घंटे के दो खंड होंगे। जिन्हें भाग-१ और भाग-२ के रूप में प्रस्तुत किया जायेगा। इस कथा -कथन का तरीका इस तरह बुना जा रहा है कि अवशेषों के संरक्षण और उनके परिवर्धन की बात भी साथ-साथ चलती रहे।
फिल्म के ४० फीसदी हिस्से की शूटिंग कलाकारों के साथ होगी। बाकी नॉन-एक्टर विज़ुअल्स होंगे। विदेशों से भी, सऊदी अरब से लेकर मियामी तक के; कई इलाकों के शॉट्स मंगाए जाने हैं। इसके लिए कुछ मित्रों से मदद मांगी गयी है। कुछ और जगहों से प्रोफेशनल मदद भी ली जाएगी। तिब्बत, सिंकियांग आदि में जो उत्पीड़न हुआ है, या हो रहा है, उसे भी फर्स्ट हैंड को -रिलेट किया जा रहा है।
फिल्म से एक वेबसाइट भी जोड़ी जाएगी। जिस पर फिल्म में कही बातों के प्रमाण और विश्लेषण होंगे।
फिल्म उन मुद्दों पर भी बिना किसी हिचक के बात करेगी, जो ज़फराबाद और जौनपुर के वर्तमान स्वरूप पर भी असर डाल रहे हैं। इनमें अटाला मस्जिद के मूल रूप से हिन्दू मंदिर होने के दावे की भी बात है, मनहेच किले की जगह पर जिस तरह कब्ज़ा किया जा रहा है, उसे लेकर चल रहे विवाद की भी बात है, और उन हालात पर भी तफसील से मशविरा है, जिन्होंने दरगाहों को संकट में डाल दिया है।
हम उम्मीद कर रहे हैं कि फिल्म पूरी तरह से निष्पक्ष, निर्भीक और बेबाक होगी। और समाज को बेहतरी की ओर ले जाएगी।