अश्लीलता के खिलाफ अभियान

Zafarabad Jaunpur Aakhyan
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पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान ने भोजपुरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में छाई अश्लीलता के खिलाफ बहुत सफल अभियान चलाया। मंत्रालय, पुलिस , सेंसर बोर्ड , महिला और मानवाधिकार आयोग से लेकर यह लड़ाई जमीनी स्तर तक लड़ी गयी, और संस्था की ओर से बहुत अधिकार पूर्वक यह दावा किया जा सकता है कि संस्था के अभियानों की वजह से अश्लीलता घटी और सांस ले सकने लायक माहौल बना।

२०१८ के शुरुआती दिनों से शुरू हुआ यह अभियान मुंबई से लेकर बिहार तक फैला। सपना चौधरी से लेकर तकरीबन हर अश्लील गायक के कार्यक्रम रद्द कराये गए। कुछ गायकों के खिलाफ पुलिस में शिकायतें भी दर्ज कराई गयीं। कुछ अश्लील गायकों के गांवों में भी पंचायत लगाई गयी। इस मुद्दे को लेकर बहुत सफल ऑनलाइन अभियान भी चलाया गया। कई स्वयंसेवी संस्थाओं और कुछ बड़े गायकों ने भी साथ दिया। कबीर मठ जैसे संस्थान इस अभियान में शामिल हुए। कई कथा वाचकों ने भी बहुत कृपा पूर्वक लोगों तक इस अभियान का सन्देश पहुंचाया। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज एसोसिएशन के कर्ता -धर्ता श्री बी एन तिवारी, श्री अशोक दुबे और श्री गंगेश्वर श्रीवास्तव ने भी अभियान में बहुत मदद की। महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री श्री कृपाशंकर सिंह अभियान से सीधे जुड़े रहे। श्री सिंह के प्रयास से रवि किशन और निरहुआ जैसे जाने-माने कलाकारों ने भी अश्लीलता के खिलाफ प्रतिबद्धता जताई। इन सभी के मिले-जुले प्रयासों से ऐसा माहौल बन गया कि अश्लील से अश्लील गायक-कलाकार भी अपना ट्रैक रिकॉर्ड बदलने को मजबूर हो गए। बिहार सरकार ने भी कुछ प्रभावी कदम उठाये। इस अभियान के फैलाव और किस प्रसिद्धि के लोग इससे जुड़े , इसकी एक झलक २५ अगस्त , २०१८ को काशी विद्यापीठ में हुए कार्यक्रम की मीडिया रपट से देखा जा सकता है--

काशी में पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान ने रचा इतिहास स्थापित किया `विरुद्धों का सामंजस्य'

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भोजपुरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में छायी अश्लीलता के खिलाफ पू वि प्र की अभियान सभा ने बनारस में एक नया अध्याय लिखा। देश के जाने-माने कथाकार डॉ. काशीनाथ सिंह ने अभियान सभा को सम्बोधित करते हुए कहा-`` आचार्य रामचंद्र शुक्ल जैसे विद्वानों ने जिसे विरुद्धों का सामंजस्य स्थापित करना कहा था, पू वि प्र ने बनारस में वह काम कर दिखाया है। आज के माहौल में यह काम किसी और के किये नहीं हो सकता था। देश के जाने-माने साहित्यकार, संगीतकार, पत्रकार, धर्म और अध्यात्म के लोग, समाजसेवी , राजनीतिक दलों के लोग , परस्पर एक दूसरे के धुर विरोधी लोग भी, मंच पर भी और श्रोताओं में भी एक साथ बैठे हैं, परस्पर विचार विनिमय कर रहे हैं, और किसी एक बात पर सभी सहमति व्यक्त कर रहे हैं, यह काम पू वि प्र के किये ही संभव था; और इसके लिए मैं पू वि प्र का आभार व्यक्त कर रहा हूँ। मैं अश्लीलता विरोधी आंदोलन में पू वि प्र के साथ हूं। अभिव्यक्ति के प्रस्फुटन न रुकें, लेकिन लोक मर्यादा और लोक विरासत भी सुरक्षित रहें, इसका सभी को ध्यान रखना चाहिए। ''

आगे उन्होंने चेतावनी भी दी -`` अब यह आंदोलन जन आंदोलन में बदल रहा है। इसलिए आयोजक ध्यान रखें कि इसका कोई राजनीतिक दल गलत इस्तेमाल न कर ले। साथ ही भोजपुरी को मज़बूत जरूर किया जाए, लेकिन हिंदी की स्थिति पर इसका कोई बुरा असर न पड़ने पाए। ''

विद्यापीठ के गांधी अध्ययन केंद्र सभागार में आयोजित इस महती सभा में देश के जाने-माने संगीतकार पद्मविभूषण पं. छन्नू महाराज ने कहा--`` अश्लीलता बाजारूपन की वजह से परोसी जा रही है। इसे रोकने की जरूरत है। '' साथ ही उन्होंने पू वि प्र को निर्देश दिए कि संस्था असल और नकल के बीच, कलाकार और कलाबाज के बीच, सच और फरेब के बीच के फर्क को भी आम लोगों को बताती चले। बुरे को टोकें लोग, गलत को गलत कहें। ऐसा हुआ तो बहुत अच्छा होगा।''

पू वि प्र के सचिव पत्रकार ओम प्रकाश ने सभा में वादा किया कि दोनों विद्वानों की बात को संस्था अपनी मूल विचारधारा में रखेगी। स्मरणीय है कि आर्थिक-औद्योगिक विकास के लिहाज से पूर्वांचल के सांस्कृतिक कायाकल्प के लिए काम कर रही संस्था पू वि प्र ने भोजपुरी फिल्मों, ऑर्केस्ट्रा नाचों और भोजपुरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में छायी अश्लीलता के खिलाफ पूरे पूर्वांचल में अभियान चला रखा है। संस्था हर जिले में बड़ी अभियान सभाएं तो आयोजित ही कर रही है, इस बारे में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों को दिए जानेवाले एक ज्ञापन पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दस्तखत भी करा रही है।

देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय ने कहा-`` भोजपुरी एंटरटेमेंट इंडस्ट्री में अश्लीलता सारी सीमाएं लांघ गयी है। इसका समाज पर बुरा असर पड़ रहा है। पू वि प्र ने इस आंदोलन की शुरुआत करके एक बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया है। '' दिग्गज कांग्रेस नेता श्री मणि शंकर पांडे ने कहा-- अश्लीलता की हालत यह है कि बनारस के घाट भी इससे अछूते नहीं बचे. आप शाम को अस्सी पर भी परिवार के साथ नहीं चल सकते। भोजपुरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री आग में घी डाल रही है। इस पर कहीं तो अंकुश लगाना होगा। '' धर्म गुरु स्वामी सारंग ने कहा-`` .दिल्ली से चलकर केवल इस कार्यक्रम के लिए बनारस आया, और तुरंत ही फिर दिल्ली लौट रहा हूँ. इसलिए आया कि पू वि प्र जिस बुराई की बात कर रहा है, उसका विरोध करना एक बड़ी जरूरत बन गया है। इस मुखालिफत में साथ हूं , साथ रहूंगा। ''

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री श्री चंद्रकांत त्रिपाठी ने कहा-`` भोजपुरी एंटरटेमेंट इंडस्ट्री में छायी अश्लीलता का विरोध एक सामाजिक दायित्व है। सारी मर्यादाएं टूट रही हैं। औरतों की अस्मिता का मज़ाक बनाया जा रहा है। उनके प्रति हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। समाज और सरकार दोनों को जगना होगा। ''

सभा के अध्यक्ष उत्तर भारत के जाने-माने उद्योगपति और उतने ही उत्कृष्ट समाजसेवी श्री केशव जालान ने कहा-`` बाजार लोक हित और लोक रक्षण से चलता है। समाज को साथ लेकर चलता है। लेकिन भोजपुरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में जो हो रहा है, वह समाज के साथ घात है। समाज के साथ दुश्मनी है। ''

सभा में रांची से आये प्रो. जयराम तिवारी , प्रो. देवव्रत चौबे, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री अनिल श्रीवास्तव और श्री शिवकुमार सिंह, श्री सूबेदार सिंह , सपा नेता पूजा यादव , कवयित्री पायल सोनी ने भी अश्लीलता के विरोध में अपनी बात रखी। महामना मालवीय पत्रकारिता संस्थान के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश सिंह, समाजवादी नेता कुंवर सुरेश सिंह, दिल्ली से आये पत्रकार श्री सुनील श्रीवास्तव, डॉ. शिप्रा धर , डॉ. मनोज श्रीवास्तव , डॉ. इंदु सिंह, डॉ. शशि मिश्रा, डॉ. गया सिंह, सुश्री नीलम मिश्रा समाजवादी नेता श्री हिमांशु सिंह , श्री राम असर सिंह , बीएचयू के पूर्व छात्र नेता श्री अजीत कुमार सिंह समेत शहर के कई विशिष्ट सुधी जन कार्यक्रम में शामिल हुए। सभा में आये विशिष्ट अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ पत्रकार श्री सुमंत मिश्र, हिमांशु राज पांडे और रवि सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन और विषय प्रस्तुति पत्रकार ओम प्रकाश ने और संस्था का परिचय संस्था की सह सचिव श्रीमती वंदना सिंह ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन विद्यापीठ की अंग्रेजी की सहायक प्रो. निशा सिंह ने दिया।

सभा में क्रींकुण्ड के पीठाधीश्वर बाबा गौतम राम और कबीर मठ के महंत श्री विवेक दास के , और महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री श्री कृपाशंकर सिंह के शुभकामना सन्देश पढ़े गए।

जौनपुर में अश्लीलता मुक्ति आन्दोलन

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फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्प्लाइज का समर्थन

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अभियान में उस समय एक बड़ा क्रांतिकारी मोड़ आया जब फेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न सिने एम्प्लाइज ने अभियान का समर्थन किया और चेतावनी दी कि अश्लील फिल्मों में सिने संगठन के लोग काम नहीं करेंगे। अध्यक्ष श्री बी एन तिवारी , सचिव श्री अशोक दुबे और कोषाध्यक्ष श्री परमेश्वरी लाल श्रीवास्तव ने बड़ी प्रेस कांफ्रेंस करके इस फैसले की घोषणा की।

१३ नवंबर २०१८ की एक पोस्ट देखिए --

भोजपुरी फिल्मों में फ़ैली अश्लीलता, अभद्रता, भ्रष्टता के खिलाफ पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान के अभियान को श्री बी एन तिवारी, श्री अशोक दुबे, श्री संजू श्रीवास्तव की त्रिमूर्ति का बड़ा समर्थन मिला है . वे फेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज के क्रमशः अध्यक्ष,महासचिव और महामंत्री हैं। सिने कर्मियों की देश की यह सबसे बड़ी संस्था है सिने कर्मियों की २०-२२ संस्थाएं इससे सम्बद्ध हैं। इसमें ५ लाख सदस्य हैं। संस्था मुंबई, कर्ज़त में सिने कर्मियों के लिए १५० एकड़ में हाउसिंग प्रोजेक्ट ला रही है। और बनारस से केवल ३५ किमी. मिर्ज़ापुर के अहिरोरी में ३०० एकड़ में फिल्म सिटी बनवा रही है इस फिल्म सिटी के बनने से भोजपुरी सिनेमा की ही नहीं, हिंदी सिनेमा की भी तकदीर बदल जाएगी। यह फिल्म सिटी पूर्वांचल की एक बड़ी पहचान होगी। इन तीनों लोगों से आप सीधे रूबरू होंगे १५ नवंबर को। पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान और फेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज के साझा प्रेस कांफ्रेंस में।

Zafarabad Jaunpur Aakhyan नवभारत टाइम्स में संपादकीय आलेख
Zafarabad Jaunpur Aakhyan हिंदुस्तान टाइम्स , पटना में आलेख