संस्था ने २०१५ के बाद दो बड़े सफल अभियान चलाये। इनमें से एक, भोजपुरी फिल्मों और गीत-संगीत में फैली अश्लीलता के खिलाफ चलाया गया। जिसे पद्म विभूषण पंडित छन्नू महाराज, डॉ. काशीनाथ सिंह, श्री केशव जालान , ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमौलि, डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, पंडित साजन मिश्रा, कबीर मठ के महंत श्री विवेक दास, महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री श्री कृपाशंकर सिंह, पूर्व नगर विकास मंत्री श्री चंद्रकांत त्रिपाठी और पूर्व महिला बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती विद्या ठाकुर जैसे बहुत जाने-माने व्यक्तित्वों का समर्थन मिला। पद्मश्री डॉ, सोमा घोष को इस अभियान का चेहरा बनाया गया था।
दूसरा अभियान भारतीय भाषाओं को मजबूत करने और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का था। इस अभियान को प्रख्यात लेखिका श्रीमती पुष्पा भारती ने नेतृत्व दिया। इस अभियान से देश के कई जाने-माने साहित्यकार, पत्रकार और शिक्षाविद जुड़े। कई कुलपति भी इस अभियान में सीधे सहभागी रहे। नई शिक्षा नीति बनाते समय तत्कालीन शिक्षा मंत्री महोदय के सामने भी कई बातें बहुत विस्तार से रखी गयीं। उनमें से कई बातें शिक्षा नीति में भी सामने आईं।
शादी-ब्याह में दहेज और दिखावे के चलन के खिलाफ भी पू वि प्र ने बहुत सफल अभियान चलाये। इस अभियान में खूब कल्पनाशीलता रही है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी कई बहुत प्रभावी संवाद बनाये गए। नरेंद्र दाभोलकर की हत्या, शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा उत्तर भारतीयों को साकीनाका बलात्कार और हत्या प्रकरण से जोड़ने और सुशांत सिंह राजपूत की मौत , और बोहरा समिति की जांच रिपोर्ट सामने न लाने जैसे मुद्दों पर भी खुल कर बात की गयी। कुछ अभियानों की बानगी साथ के पन्नों में संलग्न है।
अभी संस्था द्वारा पूर्वांचल के क्षेत्रीय इतिहास को लेकर काम किया जा रहा है। पूर्वांचल में कई ऐसे स्थान हैं, जिनका मूल इतिहास लुप्त हो गया है। इनमें से दो बड़ी जगहें हैं ज़फराबाद और जौनपुर। जिन्हें इस्लामी शासन के दौरान ध्वस्त करके उन पर इस्लामी पहचान थोप दी गयी। उनके पुराने नाम भी मिटा दिए गए। पू वि प्र गहरे अध्ययन के साथ इन दोनों ही नगरों के पुराने इतिहास का सामने ला रहा है। इसे ड्रामा डाक्यूमेंट्री फिल्म के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। फिल्म का नाम ``जफराबाद जौनपुर आख्यान : मध्यकाल के इस्लामी झंझावात में खो गए भारत के दिल के दो टुकड़ों की खोज'' है। इस कॉमन हैडर के तहत जफराबाद के इतिहास को लेकर `ज़फराबाद कथा', और जौनपुर के इतिहास को लेकर `जौनपुर संवाद' नाम की दो फुल लेंथ फिल्में बनाई जा रही हैं। जिन्हें पार्ट -१ और पार्ट-२ के रूप में प्रस्तुत किया जायेगा।